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सुबह कितने बजे उठना सही है?

  सुबह कितने बजे उठना सही है? सुबह उठने का सही समय तो ब्रह्म मुहूर्त में होता है. यानि सुबह बिस्तर छोड़ देने का सही समय सुबह 4 से 5.30 बजे तक का माना गया है। हमारे दिन की शुरुआत सुबह उठने के साथ ही शुरू होती है और अगर सुबह उठने का सही समय हो तो पूरा दिन अच्छा बीतना तय हो जाता है ऐसे में सुबह उठने का सही समय ब्रह्म मुहूर्त माने जाने के कुछ कारण हैं … ब्रह्म मुहूर्त सुबह उठने का सही समय? SCIENCE : शरीर स्वस्थ रहता है   सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठने का सबसे पहला और सबसे बड़ा फायदा होता है अच्छी सेहत। सुबह 4 से 5.30 बजे तक वायुमंडल में यानी हमारे चारों तरफ ऑक्सीजन ज़्यादा होती है। वैज्ञानिक खोजों ने भी साबित किया है कि इस समय ऑक्सीजन गैस की मात्रा ज्यादा होती है। सूर्योदय हो जाने के बाद ऑक्सीजन कम होने लगती है और कार्बन डाईऑक्साइड बढ़ने लगती है। ऐसे में आप समझ ही गए होंगे कि प्राणवायु कही जाने वाली ऑक्सीजन जिस समय शरीर को ज्यादा मिलेगी, उस समय शरीर को बहुत लाभ मिलेगा और शरीर स्वस्थ बनेगा।

हमारी सुबह-सुबह की दिनचर्या क्या होनी चाहिए?

हमारी सुबह-सुबह की दिनचर्या क्या होनी चाहिए? सुबह उठकर टहले –  बेहतर स्वास्थ्य के लिए व्यक्ति को सुबह ब्रह्मामुहूर्त में यानी प्रात: 4 से 5.30 के बीच उठ जाना चाहिए इससे कई जरुरी काम पूरे करने के लिए समय भी मिलेगा और शरीर को सुबह के स्वच्छ वातावरण का लाभ भी मिलेगा। इसके अलावा रात में सोने से पहले ताम्बे के बर्तन में पानी भरकर रखें और सुबह उठकर उस पानी को पियें। इससे शरीर में ताजगी बनी रहेगी और शरीर ऊर्जावान रहेगा, सुबह अगर बेहतर होगी तो पूरा दिन अच्छा गुजरेगा। स्नान –  स्नान करने से शरीर की बाहरी गंदगी को दूर होती ही है साथ ही इससे शरीर में ताजगी आती है और रक्त संचार सुचारु रहता है और खून साफ़ होता है साथ ही भूख भी बढ़ती है। स्नान के लिए हमेशा ताजे पानी का इस्तेमाल करें सर्दियों के मौसम में पानी थोड़ा गर्म कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें ज्यादा गर्म पानी इस्तेमाल ना करें वरना इससे त्वचा से सम्बंधित कई रोग हो सकते हैं। भगवान में ध्यान –  सुबह नहाने के बाद कुछ समय पूजा पाठ के लिए जरूर निकालें इससे मन शांत रहेगा और सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी। पूजा करते समय अपना मन एकाग्रचित रखें और भक्ति में पूरा ध

पैदल चलें और कितनी देर चलें?

  रोज क्यों पैदल जरूर चलें और कितनी देर तक चलें? मानव शरीर में सबके पैदल चलने के लिए अलग अलग निर्धारित सीमा होती है! फिर भी अपना मानना है कि जब तक पैरों से पैदल चलने की क्षमता होती है उतनी ही क्षमता तक पैदल चलना एक निर्धारित सीमा होती है! और उसी के अनुसार रोजाना पैदल चलने से होने वाली शरीर की बीमारी कोसों दूर रहती है तो दूसरी ओर शरीर के सभी अंगों पर रक्त का संचार खूब होता है! उसी का नतीजा है कि रोजाना पैदल चलने वाले अन्य आदमी की अपेक्षा अधिक तंदुरूस्त होते हैं इसीलिए पैदल चलना जरूरी है!
जीवन के 7 नियम क्या हैं ?   1.      अपने अतीत को लेकर शांत रहे , जो हो गया सो हो गया , अब ऐसा करें कि वर्तमान खराब ना हो । 2.      दूसरे आपके बारे में क्या सोचते हैं यह आप का विषय नहीं है । 3.      समय लगभग सब कुछ सही कर देता है इसे समय दें । 4.      दूसरों से अपने जीवन की तुलना न करें और ना ही उन्हें जज करें आपको पता नहीं है कि वह किस परिस्थितियों गुजर रहे हैं ! 5.      ज्यादा सोचना बंद करो यह ठीक नहीं होता क्योंकि हर चीज आपके अनुसार हो यह जरूरी तो नहीं आखिर जिस ने हम सब को बनाया है उनका भी तो निर्णय हो सकता है । 6.      किसी ने भी आपकी खुशी का ठेका नहीं ले रखा है सिवाय आपको छोड़कर | 7.      मुस्कुराए क्योंकि दुनिया की सारी समस्याओं के स्वामी आप नहीं है ।